🌿🌱🌿🌱🌿 करी पत्ता हमारी सेहत को दुरूस्त रखने में मददगार है। इसे मीठी नीम भी कहा जाता है। इसके पत्तों में कई सारे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। करी पत्ते बालों को काला करने में मददगार साबित होते हैं। इनका नियमित उपयोग करने से आपके बालों में जान आ जाएगी। विशेषज्ञों की मानें तों अगर करी पत्तों का प्रयोग किया जाए तो बुढ़ापे तक बाल काले ही रहते हैं। करी पत्ता बालों के लिए कैसे उपयोगी है, आइए इस लेख में जानते हैं। 🌿बालों को घना करे| 🌿करी पत्तों को सूखा लें। सूखने के बाद पत्तों का पाउडर बना लें। अब 200 ml नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच करी पत्तों का पाउडर मिक्स कर के उबाल लें। अच्छे से उबलने के बाद तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। फिर तेल को छानकर किसी air tight bottle बोतल में भर कर रख लें। सोने से पहले रोज रात को यह तेल लगाएं। यदि इस तेल को गुनगुना कर लगाया जाए तो जल्दी असर दिखेगा। अगली सुबह बालों को नेचुरल शैंपू से धो लें। सफ़ेद बालों को काला करे 🌿🌱🌿करी पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा दही मिलाएं और अपने बालों पर लगाएं। अब मिश्रण को बालों में 20-25 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर शैंपू से बालों को धो दें। ऐसा नियमित रूप से करने पर बाल काले और घने हो होने लगेंगे। रूसी और झड़ते बालों से झुटकारा दिलाए थोड़े से करी पत्ते लें और दूध के साथ घोटकर उसका लेप तैयार कर लें फिर इस लेप को सिर के बीचों बीच यनि scalp पर से लगाना शुरू कर दें। अब इसे 20 मिनट तक सूखने दें। फिर सादे पानी से सिर धो लें। ऐसा कुछ हफतों तक करने से बाल वापस उगने लगेगें और रूसी भी खत्म हो जाएगी। 🌿🌱🌿🌱🌿🌱🌿🌱🌿🌱🌿🌱🌿🌱
🌾बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगे🌾 बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं।
🌿- बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग osteoporosis और खून की कमी यानी anaemia नहीं होता। 🌿- बाजरा लीवर से संबंधित रोगों को भी कम करता है। 🌿- गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुणा है। 🌿- बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है। उधर आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते। 🌿- खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए। 🌿- वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डा. बी.पी. सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्शियम और आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते थे। 🌿-इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में असामान्य पीड़ा के मामले भी न के बराबर पाए गए। 🌿- डाक्टर तो बाजरे के गुणों से इतने प्रभावित है कि इसे अनाजों में वज्र की उपाधि देने में जुट गए हैं। 🌿- बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है। 🌿- लीवर की सुरक्षा के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है। 🌿- उच्च रक्तचाप, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है। 🌿- यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्ध होने की प्रक्रियाओं को दूर करता है। 🌿- रागी की खपत से शरीर प्राकृतिक रूप से शान्त होता है। यह anxiety , depression और नींद न आने की बीमारियों में फायदेमन्द होता है। यह माइग्रेन के लिये भी लाभदायक है। 🌿- इसमें lecithin और methionine नामक amino acid होते हैं जो अतिरिक्त वसा को हटा कर cholesterol की मात्रा को कम करते हैं। 🌿- बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। Diabetes में यह रक्त में शकर की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है। 🌾🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿
☀धूप में बैठने से सेहत रहती है अच्छी, कई रोग होंगे दूर*
*वैसे तो कुछ देर धूप में बैठना चाहिए, इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। आपको बता दूँ कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए विटामिन ,मिनरल्स, आयरन बेहद जरूरी है। इनमें से किसी एक की भी कमी होने पर सेहत संबंधी परेशानियों से का सामना करना पड़ सकता है। विटामिन डी हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है और इसकी पूर्ति सुबह की धूप में बैठने से होती है। हर रोज 15 मिनट धूप में बैठने के लाभ। हड्डिया मजबूत : अगर आप सर्दियों में सुबह 15 मिनट धूप में बैठेंगे तो इससे हड्डियां मजबूत होगी। विटामिन डी की कमी से जोड़ो के दर्द की परेशानी भी हो सकती है। विटामिन डी की ये कमी धूप में बैठने से पूरी हो जाती है। स्वस्थ : हर रोज सुबह के वक्त धूप में बैठने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इससे दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। BP कंट्रोल : धूप में बैठने से खून का दौरा ठीक तरह से चलना शुरू हो जाता है। जिससे हाई ब्लड प्रैशर नियंत्रित हो जाता है। कई बीमारियां होगी दूर : धूप में बैठने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जो बीमारियों से लड़ने में मददगार है। अच्छी नींद : नींद न आने की परेशानी है तो हर रोज 15 मिनट धूप में बैठे। इससे बॉडी मेलाटोनिन(BMI )हार्मोन बनने लगते हैं। ये हार्मोन रात को अच्छी नींद के लिए बेहद फायदेमंद हैं। वजन कम : _मोटापे की परेशानी से जूझ रहे हैं तो धूप में जरूर बैठें। इससे बॉडी मॉस इंडेक्स (BMI )कम होता है। जो मोटापा घटाने में मददगार है। तेज धूप में ना बैठे । ◦
एक घडी,आधी घडी,आधी में पुनि आध,,,,,,, तुलसी चरचा राम की, हरै कोटि अपराध,,,,,,।। 1 घड़ी= 24मिनट 1/2घडी़=12मिनट 1/4घडी़=6 मिनट 🌷क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मि. में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं। उत्तर है हाँ हो सकते हैं वैज्ञानिक शोध करके पता चला है कि...... 🌷सिर्फ 6 मिनट ऊँ का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते......... 🌷👉 छः मिनट ऊँ का उच्चारण करने से मस्तिष्क मै विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है.... और औक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है। 🌷कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं.. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है,,,, मैमोरी पावर बढती है..। 🌷👉लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में औक्सीजन लेबल बढता है। 🌷रक्त चाप , हृदय रोग, कोलस्ट्रोल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं....। 🌷👉विशेष ऊर्जा का संचार होता है ......... मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ के उच्चारण से 🌷घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं। 🌷👉कंठ में विशेष कंपन होता है मांसपेशियों को शक्ति मिलती है..। 🌷थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..। 🌷👉पेट में भी विशेष वाइब्रेशन और दबाव होता है....। एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ के उच्चारण से 🌷पाचन तन्त्र , लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है, और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं उदर रोग दूर होते हैं..। 🌷👉उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..। 🌷फेफड़े मजबूत होते हैं, स्वसनतंत्र की शक्ति बढती है, 6 माह में अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.) जैसे रोगों में लाभ होता है। 🌷👉आयु बढती है। ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं। 🌷जरूरत है छः मिनट रोज करने की....। 🙏�नोट:- ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में करें ।। 🙏🏻आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहे यही मंगल कामना🙏🏻
ऊपर जाने पर एक सवाल ये भी पूँछा जायेगा कि अपनी अँगुलियों के नाम बताओ । जवाब:- अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :- (1)जल (2) पथ्वी (3)आकाश (4)वायू (5) अग्नि ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी । 5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है 1. श्मशान में 2. अर्थी के पीछे 3. शौक में 4. मन्दिर में 5. कथा में सिर्फ 1 बार भेजो बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।। अकेले हो? परमात्मा को याद करो । परेशान हो? ग्रँथ पढ़ो । उदास हो? कथाए पढो । टेन्शन मे हो? भगवत गीता पढो । फ्री हो? अच्छी चीजे फोरवार्ड करो हे परमात्मा हम पर और समस्त प्राणियो पर कृपा करो...... सूचना क्या आप जानते हैं ? हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से कैन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है। व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है, सर दर्द और बाल गिरने से बचाव होता है । आरती----के दौरान ताली बजाने से दिल मजबूत होता है । ये मेसेज असुर भेजने से रोकेगा मगर आप ऐसा नही होने दे और मेसेज सब नम्बरो को भेजे । श्रीमद भगवत गीता पुराण और रामायण । ''कैन्सर" एक खतरनाक बीमारी है... बहुत से लोग इसको खुद दावत देते हैं ... बहुत मामूली इलाज करके इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है ... अक्सर लोग खाना खाने के बाद "पानी" पी लेते है ... खाना खाने के बाद "पानी" ख़ून में मौजूद "कैन्सर "का अणु बनाने वाले '''सैल्स'''को '''आक्सीजन''' पैदा करता है... ''हिन्दु ग्रंथो मे बताया गया है कि... खाने से पहले'पानी 'पीना अमृत"है... खाने के बीच मे 'पानी ' पीना शरीर की ''पूजा'' है... खाना खत्म होने से पहले 'पानी' ''पीना औषधि'' है... खाने के बाद 'पानी' पीना" बीमारीयो का घर है... बेहतर है खाना खत्म होने के कुछ देर बाद 'पानी 'पीये... ये बात उनको भी बतायें जो आपको "जान"से भी ज्यादा प्यारे है रोज एक सेब नो डाक्टर । रोज पांच बदाम, नो कैन्सर । रोज एक निबु, नो पेट बढना । रोज एक गिलास दूध, नो बौना (कद का छोटा)। रोज 12 गिलास पानी, नो चेहेरे की समस्या । रोज चार काजू, नो भूख । रोज मन्दिर जाओ, नो टेन्शन । रोज कथा सुनो मन को शान्ति मिलेगी ।। "चेहरे के लिए ताजा पानी"। "मन के लिए गीता की बाते"। "सेहत के लिए योग"। और खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो । अच्छी बाते फैलाना पुण्य है.किस्मत मे करोड़ो खुशियाँ लिख दी जाती हैं । जीवन के अंतिम दिनो मे इन्सान इक इक पुण्य के लिए तरसेगा । जब तक ये मेसेज भेजते रहोगे मुझे और आपको इसका पुण्य मिलता रहेगा... अच्छा लगा तो मैने भी आपको भेज दिया, आप भी इस पुण्य के भागीदार बनें