2/19/2020

🌿🌿करी पत्ता🌿🌿


🌿🌿करी पत्ता🌿🌿



🌿🌱🌿🌱🌿 करी पत्ता हमारी सेहत को दुरूस्त रखने में मददगार है। इसे मीठी नीम भी कहा जाता है। इसके पत्तों में कई सारे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। करी पत्ते बालों को काला करने में मददगार साबित होते हैं। इनका नियमित उपयोग करने से आपके बालों में जान आ जाएगी। विशेषज्ञों की मानें तों अगर करी पत्तों का प्रयोग किया जाए तो बुढ़ापे तक बाल काले ही रहते हैं। करी पत्ता बालों के लिए कैसे उपयोगी है, आइए इस लेख में जानते हैं।

🌿बालों को घना करे| 

🌿करी पत्तों को सूखा लें। सूखने के बाद पत्तों का पाउडर बना लें।
अब 200 ml नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच करी पत्तों का पाउडर मिक्स कर के उबाल लें। अच्छे से उबलने के बाद तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। फिर तेल को छानकर किसी air tight bottle बोतल में भर कर रख लें। सोने से पहले रोज रात को यह तेल लगाएं। यदि इस तेल को गुनगुना कर लगाया जाए तो जल्दी असर दिखेगा। अगली सुबह बालों को नेचुरल शैंपू से धो लें।

सफ़ेद बालों को काला करे

🌿🌱🌿करी पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा दही मिलाएं और अपने बालों पर लगाएं। अब मिश्रण को बालों में 20-25 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर शैंपू से बालों को धो दें। ऐसा नियमित रूप से करने पर बाल काले और घने हो होने लगेंगे।

रूसी और झड़ते बालों से झुटकारा दिलाए

थोड़े से करी पत्ते लें और दूध के साथ घोटकर उसका लेप तैयार कर लें फिर इस लेप को सिर के बीचों बीच यनि scalp  पर से लगाना शुरू कर दें। अब इसे 20 मिनट तक सूखने दें। फिर सादे पानी से सिर धो लें। ऐसा कुछ हफतों तक करने से बाल वापस उगने लगेगें और रूसी भी खत्म हो जाएगी।

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🌾बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगे🌾

🌾बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगे🌾

बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं।

🌿- बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग osteoporosis और खून की कमी यानी anaemia नहीं होता।

🌿- बाजरा लीवर से संबंधित रोगों को भी कम करता है।

🌿- गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुणा है।

🌿- बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है। उधर आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते।

🌿- खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए।

🌿- वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डा. बी.पी. सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्शियम और आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते थे।

🌿-इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में असामान्य पीड़ा के मामले भी न के बराबर पाए गए।

🌿- डाक्टर तो बाजरे के गुणों से इतने प्रभावित है कि इसे अनाजों में वज्र की उपाधि देने में जुट गए हैं।

🌿- बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है।

🌿- लीवर की सुरक्षा के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है।

🌿- उच्च रक्तचाप, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।

🌿- यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह कुपोषण,  क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्ध होने की प्रक्रियाओं को दूर करता है।

🌿- रागी की खपत से शरीर प्राकृतिक रूप से शान्त होता है। यह anxiety , depression और नींद न आने की बीमारियों में फायदेमन्द होता है। 
यह माइग्रेन के लिये भी लाभदायक है।

🌿- इसमें lecithin और methionine नामक amino acid होते हैं जो अतिरिक्त वसा को हटा कर cholesterol की मात्रा को कम करते हैं।

🌿- बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। Diabetes में यह रक्त में शकर की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है।

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☀धूप में बैठने से सेहत रहती है अच्छी, कई रोग होंगे दूर*

☀धूप में बैठने से सेहत रहती है अच्छी, कई रोग होंगे दूर*

*वैसे तो कुछ देर धूप में बैठना चाहिए, इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। आपको बता दूँ कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए विटामिन ,मिनरल्स, आयरन बेहद जरूरी है। इनमें से किसी एक की भी कमी होने पर सेहत संबंधी परेशानियों से का सामना करना पड़ सकता है। विटामिन डी हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है और इसकी पूर्ति सुबह की धूप में बैठने से होती है। हर रोज 15 मिनट धूप में बैठने के लाभ।

हड्डिया मजबूत : 
अगर आप सर्दियों में सुबह 15 मिनट धूप में बैठेंगे तो इससे हड्डियां मजबूत होगी। विटामिन डी की कमी से जोड़ो के दर्द की परेशानी भी हो सकती है। विटामिन डी की ये कमी धूप में बैठने से पूरी हो जाती है।

स्वस्थ : 
हर रोज सुबह के वक्त धूप में बैठने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इससे दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।

BP कंट्रोल : 
 धूप में बैठने से खून का दौरा ठीक तरह से चलना शुरू हो जाता है। जिससे हाई ब्लड प्रैशर नियंत्रित हो जाता है।

कई बीमारियां होगी दूर : 
धूप में बैठने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जो बीमारियों से लड़ने में मददगार है।

अच्छी नींद : 
नींद न आने की परेशानी है तो हर रोज 15 मिनट धूप में बैठे। इससे बॉडी मेलाटोनिन(BMI )हार्मोन बनने लगते हैं। ये हार्मोन रात को अच्छी नींद के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

वजन कम : 
_मोटापे की परेशानी से जूझ रहे हैं तो धूप में जरूर बैठें। इससे बॉडी मॉस इंडेक्स (BMI )कम होता है। जो मोटापा घटाने में मददगार है।
तेज धूप में ना बैठे ।

ऊँ की ध्वनि का महत्व जानिये

ऊँ की ध्वनि का महत्व जानिये



एक घडी,आधी घडी,आधी में पुनि आध,,,,,,,
तुलसी चरचा राम की, हरै कोटि अपराध,,,,,,।।
   1 घड़ी= 24मिनट
 1/2घडी़=12मिनट
 1/4घडी़=6 मिनट

🌷क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मि. में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं।

       उत्तर है हाँ हो सकते हैं
वैज्ञानिक शोध करके पता चला है कि......

 🌷सिर्फ 6 मिनट ऊँ का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते.........

🌷👉 छः मिनट ऊँ का उच्चारण करने से मस्तिष्क मै विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है.... और औक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।

      🌷कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं.. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है,,,, मैमोरी पावर बढती है..।

🌷👉लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में औक्सीजन लेबल बढता है।
      🌷रक्त चाप , हृदय रोग, कोलस्ट्रोल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं....।
🌷👉विशेष ऊर्जा का संचार होता है ......... मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ के उच्चारण से
       🌷घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं।


🌷👉कंठ में विशेष कंपन होता है मांसपेशियों को शक्ति मिलती है..।
      🌷थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..।
🌷👉पेट में भी विशेष वाइब्रेशन और दबाव होता है....। एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ के उच्चारण से
       🌷पाचन तन्त्र , लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है, और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं उदर रोग दूर होते हैं..।


 🌷👉उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..।


       🌷फेफड़े मजबूत होते हैं, स्वसनतंत्र की शक्ति बढती है, 6 माह में  अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.) जैसे रोगों में लाभ होता है।
🌷👉आयु बढती है।
ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं।
   🌷जरूरत है छः मिनट रोज करने की....।
    
🙏�नोट:- ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में करें ।।

🙏🏻आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहे यही मंगल कामना🙏🏻

अपनी अँगुलियों के नाम बताओ ।


ऊपर जाने पर एक सवाल ये भी पूँछा जायेगा कि अपनी अँगुलियों के नाम बताओ ।
जवाब:-
अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :-
(1)जल
(2) पथ्वी
(3)आकाश
(4)वायू
(5) अग्नि
ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी ।

5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है

1. श्मशान में
2. अर्थी के पीछे
3. शौक में
4. मन्दिर में
5. कथा में

सिर्फ 1 बार भेजो बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।।

अकेले हो?
परमात्मा को याद करो ।

परेशान हो?
ग्रँथ पढ़ो ।

उदास हो?
कथाए पढो ।

टेन्शन मे हो?
भगवत गीता पढो ।

फ्री हो?
अच्छी चीजे फोरवार्ड करो
हे परमात्मा हम पर और समस्त प्राणियो पर कृपा करो......

सूचना
क्या आप जानते हैं ?

हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से कैन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।

व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है, सर दर्द और बाल गिरने से बचाव होता है ।
आरती----के दौरान ताली बजाने से
दिल मजबूत होता है ।

ये मेसेज असुर भेजने से रोकेगा मगर आप ऐसा नही होने दे और मेसेज सब नम्बरो को भेजे ।

श्रीमद भगवत गीता पुराण और रामायण ।

''कैन्सर"
एक खतरनाक बीमारी है...
बहुत से लोग इसको खुद दावत देते हैं ...
बहुत मामूली इलाज करके इस
बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है ...

अक्सर लोग खाना खाने के बाद "पानी" पी लेते है ...
खाना खाने के बाद "पानी" ख़ून में मौजूद "कैन्सर "का अणु बनाने वाले '''सैल्स'''को '''आक्सीजन''' पैदा करता है...

''हिन्दु ग्रंथो मे बताया गया है कि...

खाने से पहले'पानी 'पीना
अमृत"है...

खाने के बीच मे 'पानी ' पीना शरीर की
''पूजा'' है...

खाना खत्म होने से पहले 'पानी'
''पीना औषधि'' है...

खाने के बाद 'पानी' पीना"
बीमारीयो का घर है...

बेहतर है खाना खत्म होने के कुछ देर बाद 'पानी 'पीये...

ये बात उनको भी बतायें जो आपको "जान"से भी ज्यादा प्यारे है

रोज एक सेब
नो डाक्टर ।

रोज पांच बदाम,
नो कैन्सर ।

रोज एक निबु,
नो पेट बढना ।

रोज एक गिलास दूध,
नो बौना (कद का छोटा)।

रोज 12 गिलास पानी,
नो चेहेरे की समस्या ।

रोज चार काजू,
नो भूख ।

रोज मन्दिर जाओ,
नो टेन्शन ।

रोज कथा सुनो 
मन को शान्ति मिलेगी ।।

"चेहरे के लिए ताजा पानी"।

"मन के लिए गीता की बाते"।

"सेहत के लिए योग"।

और खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो ।

अच्छी बाते फैलाना पुण्य है.किस्मत मे करोड़ो खुशियाँ लिख दी जाती हैं ।
जीवन के अंतिम दिनो मे इन्सान इक इक पुण्य के लिए तरसेगा ।

जब तक ये मेसेज भेजते रहोगे मुझे और आपको इसका पुण्य मिलता रहेगा...
अच्छा लगा तो मैने भी आपको भेज दिया, आप भी इस पुण्य के भागीदार बनें


जय माँ सरस्वती | 

केंसर,हार्टअटेक,बबासीर,किडनी फेल,पित्त की शिकायत,सर्दी - जुकाम,गंजा होने का भय ,दाँत गिरने से बचाने हों तो,डायबिटीज से बचाव और किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो जरूर पढ़े


बीमार पड़ने के पहले , ये काम केवल आयुर्वेद ही कर सकता है,,,,,

1--केंसर होने का भय लगता हो तो रोज़ाना कढ़ीपत्ते का रस पीते रहें,,, 
2-- हार्टअटेक का भय लगता हो तो रोज़ना अर्जुनासव या अर्जुनारिष्ट पीते रहिए,, 
3-- बबासीर होने की सम्भावना लगती हो तो पथरचटे के हरे पत्ते रोजाना सबेरे चबा कर खाएँ,,,,
4-- किडनी फेल होने का डर हो तो हरे धनिये का रस प्रात: खाली  पेट पिएँ,,, 
5-- पित्त की शिकायत का भय हो तो रोज़ाना सुबह शाम आंवले का रस पिएँ,,, 
6-- सर्दी - जुकाम की सम्भावना हो तो नियमित कुछ दिन गुनगुने पानी में थोड़ा सा हल्दी चूर्ण डालकर पिएँ,,,, 
7-- गंजा होने का भय हो तो बड़ की जटाएँ कुचल कर नारियल के तेल में उबाल कर छान कर,रोज़ाना स्नान के पहले उस तेल की मालिश करें,,, 
8-- दाँत गिरने से बचाने हों तो फ्रिज और कूलर का पानी पीना बंद कर दें,,,,
9-- डायबिटीज से बचाव के लिए तनावमुक्त रहें, व्यायाम करें, रात को जल्दी सो जाएँ, चीनी नहीं खाएँ , गुड़ खाएँ,,, 
10--किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो रोज़ाना भोजन के दो घन्टे पूर्व 20 या 25 मि. ली. अश्वगन्धारिष्ट ,200 मि. ली. पानी में मिला कर पिएँ,,,, 
          
किसी बीमारी का भय नहीं हो तो भी -- 15 मिनिट अनुलोम - विलोम,  15 मिनिट कपालभाती, 12 बार सूर्य नमस्कार करें,,,, 
          
स्वयं के स्वास्थ्य के लिए इतना तो करें,,,,,

स्वस्थ रहने के लिए धन नहीं लगता, थोड़ी स्फूर्ति, थोड़ी जागरूकता व थोड़ा परिश्रम लगता है|

2/18/2020

बालों के लिए प्राचीन ऋषि परम्परा के अनुसार सरसों के तेल के फायदे



यदि गंजेपन से बचना चाहते हैं, शाश्वत सौंदर्य पाना चाहते तो पुनः भारतीय ऋषि परम्परा में लौट चलें!
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sarso oil
सरसों के तेल

रोज की धूल-मिट्टी और प्रदूषण का सीधा असर हमारे बालों पर पड़ता है। प्रदूषण के कारण दिन बदिन हमारे बाल कमजोर होते हैं और बालों से जुड़ी तमाम समस्याएं होने लगती हैं। नकारात्मक चिंतन व तनाव जीवन के साथ साथबालों को भी बर्बाद कर रहा है।

 आज के समय में ज्यादातर लोग बाल झड़ने, कम उम्र में बाल सफेद होने, गंजेपन या कम बाल जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। मार्केट में कई तरह के ऐसे प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, जो स्वस्थ, लंबे और घने बाल करने का दावा करते हैं। लेकिन तमाम केमिकल्स के प्रयोग से बनें ये प्रोडक्ट्स बालों को फायदा पहुंचाने की बजाए नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए बेहतर है कि आप बालों की सेहत के लिए प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करें।


 बालों के लिए प्राचीन ऋषि परम्परा के अनुसार घरेलू नुस्खे में आप सरसों का तेल शामिल कर सकते हैं। सरसों के तेल में कई ऐसे गुण होते हैं, जो बालों को लंबा करने और उन्हें मजबूत बनाने में मददगार होते हैं। सकारात्मक चिंतन के लिए  युगसाहित्य पढ़ सकते हैं। 


कच्ची घानी सरसों के तेल को हल्का गर्म करके उसमें आधा नींबू का रस मिलाएं व हल्का गुनगुने तेल को ही हल्के हाथों से मन ही मन गायत्री मंत्र जपते हुए सर पर बालों की जड़ पर मसाज़ करें। मसाज करते वक्त आसमान में  अनेक तारों का ध्यान करें। कम से कम दो घण्टे सर पर तेल लगा रहने दें फ़िर किसी भी रेगुलर शैम्पू जो लगाते हैं उससे सर धो लीजिये। कंडीशनर लगाने की अलग से जरूरत नहीं है। आपको स्वयं अपने बालों में शाइनिंग व बालों की हेल्थ में सकारात्मक फ़र्क़ महसूस होगा।


सरसों के तेल के फायदे

  • सरसों के तेल में फैटी एसिड होता है जो बालों को नमी देता है और रूखापन दूर करता है। 

  • सरसों का तेल लगाने से बाल जल्दी बढ़ते हैं। 

  • सरसों का तेल लगाने बालों की ग्रोथ अच्छी होती है, जिससे बाल घने होते हैं। 

  • सरसों के तेल में सेलेनियम नामक एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाया जाता है, जो स्कैल्प को प्रदूषण से बचाता है।
  •  सरसों के तेल से मसाज करने से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है और बाल जड़ से मजबूत होते हैं। 
  • कई कारणों से उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं। ऐसे में सरसों का तेल बाल काला रखने में मददगार होगा। सरसों के तेल से बालों को जरूरी पोषण मिलते हैं।
  • निम्बू और सरसों का तेल आपके बालों को काला बना सकते हैं. निंबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और सिट्रिक एसिड मौजूद होते हैं. सरसों के तेल में कैल्शियम और खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हमारे बालों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं।
  • सरसों का तेल एमयूएफए, पीयूएफए, ओमेगा 3 और 6, विटामिन ई, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
  •  नीम्बू मिलाकर लगाने से बालों में शैम्पू के वक्त चिपचिपा पन नहीं होता। कंडिशनर प्रयोग की आवश्यकता नहीं है। फिर भी यदि कंडिशनर करना ही चाहते हैं तो केवल चायपत्ती सादे पानी मे उबालकर ठंडा कर लें। उसे छानकर उस जल से बालों को कंडीशन करें जिससे और ज्यादा चमक मिले।
  • सोते वक़्त स्वाध्याय करके ही सोएं इससे रात को बालों को सकारात्मक विचारों के कारण ग्रोथ अच्छी मिलेगी।
  •  दिन में कम से कम 324 बार गायत्री मंत्र शांत चित्त होकर जपें इससे दिव्य ऊर्जा केंद्र जागृत होंगे व नस नाड़ियों में प्राण संचार होगा। जिससे शरीर स्वस्थ होगा व चेहरे व बालों में प्राण ऊर्जा पहुंचेगी।
  • सरसों के तेल व नीम्बू का विज्ञापन टीवी में, मीडिया में, न्यूजपेपर में तो आएगा नहीं, क्योंकि यह घर घर में मिलता है और इससे विदेशी कम्पनियों को कोई फ़ायदा मिलेगा नहीं। अतः हमने सोचा भारतवासियों को गंजा होने से बचाने की मुहिम के तहत यह एक पहल की जाए। औषधीय गुणों से भरपूर सरसों तेल व नीम्बू के मिश्रण का प्रचार किया जाय।

2/11/2020

विष से मुक्ति

विष से मुक्ति




10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।

2/10/2020

दाँतों के कष्ट , पेट और सीने की जलन

पेट और सीने की जलन की चिकित्सा चावल से

कच्चे चावल के 8-10 दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीने की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।




दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग


तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।


2/09/2020

भोजन से पहले अदरक

भोजन से पहले अदरक






भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें।दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।

मुहाँसों से मुक्ति

मुहाँसों से मुक्ति


जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चुटकी भर के पावडरहथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबहउठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन 250 ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए औरअन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। 15-20 दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।

2/08/2020

माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब






सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।

उच्च रक्तचाप के लिये मेथी






सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।

मधुमेह के लिये आंवला, करेला और काली चाय बहुत लाभकारी है|

मधुमेह के लिये आँवला और करेला




एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिला कर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।



मधुमेह के लिये काली चाय




मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे कीकार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।

खाँसी -सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर


खाँसी में प्याज

अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।



सरसों का तेल केवल पाँच दिन



रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी -सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर होजाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।

2/07/2020

ल्यूकोरिया से मुक्ति


ल्यूकोरिया से मुक्ति

ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी,चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय-एक-

एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम
दिखाई देगा। इस प्रयोग को21 दिनों तक जारी रखना चाहिए।






टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध


टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध

एक प्याला (200 मिली ली।) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें।विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछखाना पीना नहीं चाहिये।

Healthy tips for everyone

Maintain the balance of alkaline n acid in your body


There should b 80% alkaline and 20% acid n alkaline we will get through having fruits n raw vegetables So keep on
eating fruits n raw vegetables to keep your self fit n active.



2/06/2020

बंद नाक,चर्मरोग,माइग्रेन,गले में खराश और सर्दी जुकाम से परेशान नहीं होना है आपके लिए है हेल्थ टिप्स पढ़िए और बताइए कैसा रहा?

(1) बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप:-

एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।

(2) चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू :-

टेसू के फूल को सुखा कर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।

(3) माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध:-

एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्दमें आराम मिलेगा।

(4) गले में खराश के लिये जीरा:-

एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिनमें दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।

(5) सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद:-

एक ग्राम पिसी दाल चीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

कमजोरी,घमौरियां,पेट के रोग,खुजली और मुहाँसों से है परेशान तो पढ़िए ये टिप्स |



(1) कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय:-

एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमकया शहद मिलाएँ।

(2) घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी:-

घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।

(3) पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा:-

मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है।यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।

(4) खुजली की घरेलू दवा:-

फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।

(5) मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके:-

संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके कापिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।

श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल

श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल :-


एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डाल कर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।

2/05/2020

अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़


अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़




रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिला कर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।

2/03/2020

6 beneficial Health tips for everyone

सभी के लिए 6 लाभकारी स्वास्थ्य टिप्स

(1) *काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल:-*



चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिरगुनगुने पानी से धो लें।

(2) *कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-*



भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतलाकरने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।

(3) *मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन:-*



मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिला कर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है।



(4) *हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा:-*



आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कम जोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभहोता है, साथ ही पित्त,ज्वर,उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है।



(5) *शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी:-*



दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दालचीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।




(6) *हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च:-*

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम काली-मिर्च का चूर्ण मिला कर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बारमक्खन के साथ मिला कर खाएँ।

2/02/2020

14 beneficial Health tips for everyone

इन 14 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा:-*


साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो 
आपके घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभले:-

(1) *अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग:-*

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यहसर्दी,खाँसी,जुकामबदनदर्द,कमर-दर्दपेट दर्दकब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए !


(2) *मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-*

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग परगैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तबगर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबो कर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोतेसमय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसीविशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है| नमक की डली को सुखाकर रख लें एक हीडली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।


(3) *बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण:-*

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रख कर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम जाता है।




(4) *मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री:-*

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती हैबैठी हुई आवाज़ खुलजाती है,गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।


(5) *खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़:-*

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भीकिया जा सकता है। आराम मिलेगा।


(6) *पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक:-*
आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होतेहैं। बडों के लियेचार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानीके साथ लेना चाहिये।

(7) *अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी:-*


भूख  लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रामें (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।



(8) *बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल:-*


10 ग्राम कपूर,200 ग्राम सरसों का तेलदोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें| जब दोनों वस्तुएँमिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्दपीठ और कमर का दर्द औरमाँसपेशियों के दर्द शीघ्र हीठीक हो जाते हैं।

(9) *जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस:-*

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ  मिलाएँ। नित्य प्रातःखाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ  लें। दो तीन माह तक लें।

(10) *पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन:-*


पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने सेवायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।


(11) *फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल:-*

   
नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते
  और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजलीऔर खुश्की दूर हो जाती है।




(12)सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी

तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिल बट्टे (जिस पर मसाला  पीसा गया होपर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठेदही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा  हो। यदि दही माफिक  आये तो एक-दो चम्मच शहदमिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी  दें। औषधि प्रातः खाली पेटलें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

(13) *अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद:-*


बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा
 एक नग प्रतिदिन खाएँ और
 शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें।क्रोध आना शांत हो जाएगा।

(14) *घुटनों में दर्द के लिये अखरोट:-*



सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है।



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