अक्सर एसिडिटी होने पर लोग एंटासिड या एसिडिटी की महंगी दवाओं की तरफ भागते हैं । एसिडिटी का असली कारण खान-पान की गलत आदतें है। अगर इन आदतों में बदलाव लाया जाए तो एसिडिटी से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन सी वह 8 आदतें हैं जिनमें बदलाव लाकर एसिडिटी से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।
◆बदलाव 1 – खाने के बीच में 3-4 घंटे से ज्यादा का गैप न करे
कारण – खाना पचने में 3-4 घंटे लगते है उसके बाद पेट में अपने आप एसिड बनना शुरू हो जाता है
◆बदलाव 2 – रोज निर्धारित समय पर ही खाए
कारण – ब्रेन और पेट की मेमोरी में खाने का समय दर्ज रहता है, समय होने पर बॉडी से डाइजेस्टव एसिड रिलीज होने लगते है
◆बदलाव 3 – खाना धीरे – धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाए
कारण – खाना अच्छे से न चबाने से खाने के बड़े टुकड़े डाइजेस्ट करने के लिए पेट ज्यादा एसिड रिलीज करता है
◆बदलाव 4 – अपनी फूड हेबिट में बदलाव करे
क्या करे – स्पाइसी, ऑयली, फ़ास्ट फूड के बजाय ज्यादा फाइबर, नट्स, हरी सब्जियां, बीन्स वगेरा खाए
◆बदलाव 5 – अल्कलाइन फूड्स की मात्रा बढाए
कारण – अल्कलाइन फूड एसिडिटी को न्यूट्रल करते है सोडे वाला नींबू पानी, सलाद, गाजर, खीरा खाए. पानी ज्यादा पिए
◆बदलाव 6 – एंटीबायोटिक्स या गर्म दवाओ का सेवन कम करके आयुर्वेद या होम्योपैथिक दवा ले
कारण – कई दवाओ के साइड इफ़ेक्ट से एसिडिटी हो सकती है.
◆बदलाव 7 – सोने से 3-4 घंटे पहले डिनर कर ले.
कारण – सोते समय डाइजेशन की प्रोसेस स्लो हो जाती है. खाना खाकर तुरंत सोने से एसिडिटी की प्रॉब्लम बढती है
◆बदलाव 8 – वॉक, एक्सरसाइज या योग करे.
कारण – फिजिकल एक्टिविटी न होने से डाइजेशन प्रॉपर नहीं होता और एसिडिटी बढ़ जाती है. रोज आधे घंटे की वॉक या एक्सरसाइज जरुरी है
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लौंग – लौंग चबाएं या लौंग उबालकर उसका पानी पिए. ये गैस और एसिडिटी से राहत दिलाती है.
ठंडा दूध – ठंडा दूध पेट में जाकर एसिड को न्यूट्रीलाइट करता है. पेट को ठंडक पहुचाता है.
नींबू, खाने का सोडा – एक गिलास ठन्डे पानी में एक चमच नींबू का रस घोले और उसमे आधा चम्मच बेकिंग सोडा डालकर तुरंत पी लें.
केला – केले की अल्कलाइनप्रॉपर्टी पेट के एसिड को न्यूट्रीलाइट करती है ओर एसिडिटी और खट्टी डकार से राहत दिलाती है
अदरक – जलन होने पर एक टुकड़ा अदरक चबाएं, एक चम्मच शहद में अदरक का रस मिलाकर भी ले सकते है
◆बदलाव 1 – खाने के बीच में 3-4 घंटे से ज्यादा का गैप न करे
कारण – खाना पचने में 3-4 घंटे लगते है उसके बाद पेट में अपने आप एसिड बनना शुरू हो जाता है
◆बदलाव 2 – रोज निर्धारित समय पर ही खाए
कारण – ब्रेन और पेट की मेमोरी में खाने का समय दर्ज रहता है, समय होने पर बॉडी से डाइजेस्टव एसिड रिलीज होने लगते है
◆बदलाव 3 – खाना धीरे – धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाए
कारण – खाना अच्छे से न चबाने से खाने के बड़े टुकड़े डाइजेस्ट करने के लिए पेट ज्यादा एसिड रिलीज करता है
◆बदलाव 4 – अपनी फूड हेबिट में बदलाव करे
क्या करे – स्पाइसी, ऑयली, फ़ास्ट फूड के बजाय ज्यादा फाइबर, नट्स, हरी सब्जियां, बीन्स वगेरा खाए
◆बदलाव 5 – अल्कलाइन फूड्स की मात्रा बढाए
कारण – अल्कलाइन फूड एसिडिटी को न्यूट्रल करते है सोडे वाला नींबू पानी, सलाद, गाजर, खीरा खाए. पानी ज्यादा पिए
◆बदलाव 6 – एंटीबायोटिक्स या गर्म दवाओ का सेवन कम करके आयुर्वेद या होम्योपैथिक दवा ले
कारण – कई दवाओ के साइड इफ़ेक्ट से एसिडिटी हो सकती है.
◆बदलाव 7 – सोने से 3-4 घंटे पहले डिनर कर ले.
कारण – सोते समय डाइजेशन की प्रोसेस स्लो हो जाती है. खाना खाकर तुरंत सोने से एसिडिटी की प्रॉब्लम बढती है
◆बदलाव 8 – वॉक, एक्सरसाइज या योग करे.
कारण – फिजिकल एक्टिविटी न होने से डाइजेशन प्रॉपर नहीं होता और एसिडिटी बढ़ जाती है. रोज आधे घंटे की वॉक या एक्सरसाइज जरुरी है
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लौंग – लौंग चबाएं या लौंग उबालकर उसका पानी पिए. ये गैस और एसिडिटी से राहत दिलाती है.
ठंडा दूध – ठंडा दूध पेट में जाकर एसिड को न्यूट्रीलाइट करता है. पेट को ठंडक पहुचाता है.
नींबू, खाने का सोडा – एक गिलास ठन्डे पानी में एक चमच नींबू का रस घोले और उसमे आधा चम्मच बेकिंग सोडा डालकर तुरंत पी लें.
केला – केले की अल्कलाइनप्रॉपर्टी पेट के एसिड को न्यूट्रीलाइट करती है ओर एसिडिटी और खट्टी डकार से राहत दिलाती है
अदरक – जलन होने पर एक टुकड़ा अदरक चबाएं, एक चम्मच शहद में अदरक का रस मिलाकर भी ले सकते है
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