अमृतधारा के लाभ
अमृत धारा कई बीमारियों का इलाज करने के लिए जैसे मतली, उल्टी, पेट में दर्द, कांटेदार गर्मी, सिरदर्द, गैस की परेशानी आदि।
अमृत धारा अनेका अनेक बीमारियो में काम आती हैं। हम अभी आपको बताने जा रहे हैं अमृत धारा घर पर कैसे बनाये
और ये किन किन बीमारियो में उपयोग में लायी जा सकती हैं। ये बहुत ही आसान सरल और उपयोगी हैं।
एक छोटी सी अच्छी मजबूत कार्कदार कांच की शीशी में कपूर (भीमसेनी कपूर हो तो उतम है), पिपरामिंट ( पुदीने के फूल ),
अजवायन का सत-तीनो वस्तुए ( किसी कैमिस्ट या पंसारी से खरीद कर) प्रत्येक पांच-पांच ग्राम (बराबर वजन ) लेकर डाल दे।
दस पंद्रह मिनट हिलाने से धीरे-धीरे सब का तरल (पानी) बन जायेगा। शीशी को धुप में रखने से तो शीघ्र ही अपने आप पानी हो जायेगा। बस, अमृतधारा तैयार है।यह अनेक रोगो की परमऔषिधि है। अमृत धारा किन किन रोगो में काम आती हैं आईये देखे
अमृतधारा के उपयोग-
1. बदहजमी, पेटदर्द, दस्त, उल्टी में 3-4 बूंद थोड़े पानी में मिलाकर सेवन करें ।
2. हैजा में 1 चम्मच प्याज के रस में 2 बूंद डालकर सेवन करें।
3. सिरदर्द में 2 बूँद सिर, माथे और कान के आस पास मलें।
4. छाती का दर्द मीठे (तिल) तेल में अमृतधारा मिलाकर मलने से ठीक हो जाता है ।
5. सूँघने पर साँस खुलकर आता है तथा जुकाम ठीक हो जाता है ।
6. छालों पर थोड़े पानी में 1-2 बूँद डालकर लगाने से लाभ होता है।
7. दाँत दर्द में रूई में भिगोकर दबाने से लाभ होता है ।
8. श्वास, खाँसी, दमा और क्षय-रोग में 4-5 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करें।
9. दिल के रोग में आँवले के मुरब्बे में 3-4 बूँद डालकर खाने से लाभ होता है ।
10. पेट दर्द में 2 बूँद बताशे में डालकर खाने से लाभ होता है ।
11. भोजन के बाद दोनों समय 2-3 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी में मिलाकर पीने से मन्दाग्नि, अजीर्ण, बादी, बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाती है ।
12. 10 ग्राम गाय के मक्खन और 5 ग्राम शहद में 3 बूँद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खाने से शरीर की कमजोरी में लाभ होता है ।
13. हिचकी में 1-2 बूँद अमृतधारा जीभ में रखकर मुँह बंद करके सूँघने से 4 मिनट में ही लाभ होता है ।
14. 10 ग्राम नीम के तेल में 5 बूँद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से हर तरह की खुजली में लाभ होता है ।
15. ततैया, बिच्छू, भौरा या मधुमक्खी के काटने के स्थान पर अमृतधारा मलने लाभ होता है ।
16. 10 ग्राम वैसलीन में 4 बूँद अमृतधारा मिलाकर, शरीर के हर तरह के दर्द पर मालिश करने से दर्द में लाभ होता है।
फटी बिवाई और फटे होंठों पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है तथा फटी चमड़ी जुड़ जाती है।
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